30 हज़ार कर्मचारियों की नौकरी पर संकट! TCS लेऑफ़ पर मचा बवाल, विरोध अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

EDITED BY: Sanjeet

UPDATED: Friday, August 22, 2025

TCS layoff

भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी (TCS) इन दिनों बड़े पैमाने पर विवादों में घिरी हुई है। कर्मचारी यूनियनों का दावा है कि कंपनी ने हाल ही में 30,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है और आने वाले समय में ये और भी कर्मचारी निकल सकते हैं। इस मामले में न केवल भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आईटी सेक्टर में ये बहुत बड़ी टेंशन की बात है।

TCS लेऑफ़ विवाद की शुरुआत

पिछले कुछ दिनों से देश के आईटी सेक्टरों से लेकर तमाम कर्मचारियों की छंटनी की खबरें सामने आ रही हैं। ग्लोबल ग्रोथ, प्रोजेक्ट्स की कमी, एम्प्लॉइज का टेक्नोलॉजीज के प्रति अपडेटेड ना रहना और वैल्यू कम करने की सलाह के साथ कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा रही हैं। इसी कड़ी में टीसीएस पर ये आरोप लगाया गया है कि उसने करीब 30,000 कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया है।

स्टाफ़ यूनियन का कहना है कि यह कदम न केवल अनुचित है बल्कि श्रमसाध्य का उल्लंघन भी है। उधर, कंपनी का दावा है कि यह “परफॉर्मेंस और बिजनेस री-बेकिंग” का हिस्सा है।

यूनियन का दावा: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध की तैयारी

भारत की आईटी कर्मचारी यूनियन ने घोषणा की है कि अगर टीसीएस ने ड्रॉ का फैसला वापस नहीं लिया तो जल्द ही वैश्विक स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। यूनियन का ये भी कहना है कि भारत के साथ दूसरे देश में भी जैसे अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में भी टीसीएस के कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे।

यूनियन का आरोप है कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों को बिना नोटिस दिए, बिना मुआवज़े और बिना किसी विकल्प के अचानक नौकरी से निकाल दिया। इस फैसले से हजारों परिवारों पर आर्थिक संकट आ गया है।

कंपनी का आधिकारिक बयान

टीसीएस ने इन ऑफरों को खारिज करते हुए कहा कि ड्रॉ की बात गलत और गलत है। कंपनी का दावा है कि कंपनी केवल “परफॉर्मेंस रिव्यू” और “री-बॅलेजिंग” कर रही है।

कंपनी के बड़े प्रवक्ता ने कहा कि, “टीसीएस कर्मचारियों की नियुक्ति और विकास के लिए छूट है। हमारे लिए किसी भी बड़े पैमाने पर ड्रॉ की आवश्यकता नहीं है। यह केवल नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है।”

हालाँकि, कर्मचारी और यूनियन का स्टेटमेंट कंपनी के स्टेटमेंट से मैच नहीं हो रहा है।

30,000 नौकरियों पर संकट का असर

इतनी बड़ी संख्या में ड्रॉ का असर सामग्रियां तक ​​सीमित नहीं है। इससे पूरे आईटी सेक्टर, भारतीय और उद्योग जगत के लाखों परिवारों पर गहरा असर पड़ा है।

  • कर्मचारियों पर सीधा असर: अचानक नौकरी जाने से कर्मचारियों को ईएमआई, बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्चा पूरे करने में मुश्किलें हो रही हैं।
  • आईटी सेक्टर पर प्रभाव: भारत की साख एक आईटी हब के रूप में प्रभावित हो सकती है।
  • भविष्य के ऐतिहासिक प्रभाव: खींचने के कारण हजारों लोग बेरोज़गार हो गए और नए अवसर पाना कठिन हो गया।

सोशल मीडिया पर विरोध की लहर

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, ट्विटर और लिंक्डइन पर कर्मचारी अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।

#TCSLayoffs, #StopJobCuts और #ITProtest जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

कई कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें बिना किसी पूर्व चेतावनी के अचानक सिस्टम बंद कर दिया गया और कार्यालय में बंद कर दिया गया।

क्या IT इंडस्ट्री स्थिरता खो रही है?

एक समय था जब आईटी सेक्टर को सबसे स्थिर व्यावसायिक विकल्प माना जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में कॉन्स्टेंसी लेऑफ़, कॉन्स्टेंट जॉब्स और ऑटोमेशन ने इस सेक्टर की स्थिरता पर सवाल उठाए हैं।

  • ऑटोमेशन और AI: कई कंपनियाँ मानव श्रमिकों की जगह AI टूल्स और ऑटोमेशन का इस्तेमाल कर रही हैं।
  • वैश्विक मंदी: अमेरिकी और यूरोपीय बाज़ारों में आईटी सेवाओं की मांग घटी है।

खर्च कम करने की रणनीति: कंपनियाँ लागत घटाने के लिए कर्मचारियों की संख्या कम कर रही हैं।

कर्मचारियों की माँगें

यूनियन ने TCS और अन्य आईटी कंपनियों से निम्न माँगें रखी हैं:

  1. बिना नोटिस और मुआवज़े के छंटनी रोकी जाए।
  2. छंटनी किए गए कर्मचारियों को पुनः नियुक्त किया जाए।
  3. कर्मचारी हितों की सुरक्षा के लिए ठोस नीतियाँ बनाई जाएँ।
  4. वैश्विक स्तर पर लेबर लॉ का पालन किया जाए।

सरकार और नीति-निर्माताओं की भूमिका

इतनी बड़ी खींचतान सरकार और श्रम मंत्रालय की योजनाओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञ का कहना है कि सरकार को आईटी सेक्टर में जॉब के लिए सख्त कानून बनाना होगा, ताकि कंपनियों को आसानी से खींचा न जा सके।

आगे क्या होगा?

अब सवाल यह है कि क्या टीसीएस पर दबाव डाला जाएगा और कंपनी के कर्मचारियों को वापस बुला लिया जाएगा या यह बर्बाद कर दिया जाएगा।

यूनियन का दावा है कि अगर कंपनी ने कर्मचारियों की मांगें नहीं मानीं, तो जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन होगा, कंपनी की वैश्विक छवि को नुकसान हो सकता है।

निष्कर्ष

टीसीएस लेऑफ़ विवाद ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आईटी सेक्टर सुरक्षित नहीं है, इसका मतलब यह है। कर्मचारियों की नाराज़गी, यूनियन का विरोध और कंपनी की सफ़ाई—इन सबके बीच सच्चाई यही है कि हज़ारों परिवार इस समय संकट में हैं।

अगर यह विवाद सुलझा नहीं, तो आने वाले समय में भारत के आईटी संस्थानों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

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Bank Holidays 2025: इस साल कब मिलेंगी सबसे लंबी छुट्टियाँ? पूरी लिस्ट देखें

EDITED BY: Sanjeet

UPDATED: Tuesday, September 2, 2025

Bank Holiday

इस वर्ष के लिए लंबे Bank Holidays की योजना:

अगर आप भी एक लंबे सप्ताह की खोज कर रहे हैं ताकि आप अपने परिवार के साथ कहीं लंबी छुट्टियों में घूम सकें, यहीं फिर परिवार के साथ समय बिता सकें तो हम आपके पास 2025 की छुट्टियों की सूची लेकर आए हैं। ये सूची खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो बैंक कर्मचारी हैं।

यहां, हम आपको इसके बारे में बताएंगे:

• 2025 में बैंक छुट्टियों की पूरी सूची है।

•सबसे लंबी छुट्टी वाला सप्ताहांत

•कोन कोन सी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं

• और कैसे आप इन चुटियों का आनंद उठा सकते हैं

बैंक अवकाश 2025 की पूरी सूची (राष्ट्रीय और राज्यवार)

भारत में बैंक छुट्टियाँ दो तरह की होती हैं:

1. राष्ट्रीय छुट्टियाँ – पूरे देश में लागू होती हैं

2. राज्यवार छुट्टियाँ – स्थानीय त्यौहार और आयोजनों पर आधारित होते हैं

🇮🇳राष्ट्रीय छुट्टियाँ (सभी राज्यों में लागू):

तारीखदिनअवसर
26 जनवरीरविवारगणतंत्र दिवस
15 अगस्तशुक्रवारस्वतंत्रता दिवस
2 अक्टूबरगुरुवारगांधी जयंती
21 अक्टूबरमंगलवारदिवाली
25 दिसंबरगुरुवारक्रिसमस

कुछ प्रमुख राज्यवार छुट्टियाँ:

तारीखराज्यअवसर
14 मार्चउत्तर भारतहोली
31 मार्चअधिकांश राज्यईद-उल-फितर
7 जूनपूरे भारतबकरीद
16 अगस्तउत्तर भारतजन्माष्टमी
30 सितंबरपूर्वी भारतदुर्गा अष्टमी
5 नवंबरपंजाब, दिल्लीगुरु नानक जयंती

कब मिल सकती है लंबी चुटिया?

2025 में ऐसी छुट्टियाँ भी हैं जहाँ आपको 3-4 दिनों की लम्बी चुटिया आराम से मिल सकती है। इन छुट्टियों की सूची नीचे दी गई है:

Top 5 long holidays:

  1. 15 अगस्त (शुक्रवार) + 16 अगस्त (शनिवार) + 17 अगस्त (रविवार)
    स्वतंत्रता दिवस + जन्माष्टमी + वीकेंड
  2. 2 अक्टूबर (गुरुवार) + 3 अक्टूबर (छुट्टी लें) + 4 अक्टूबर (शनिवार) + 5 अक्टूबर (रविवार)
    गांधी जयंती लॉन्ग वीकेंड
  3. 21 अक्टूबर (मंगलवार) + 19-20 अक्टूबर (छुट्टी लें)
    दिवाली वीक का ब्रेक
  4. 30 सितंबर (मंगलवार) + 28-29 सितंबर (वीकेंड)
    दुर्गा पूजा वीकेंड
  5. 25 दिसंबर (गुरुवार) + 26 दिसंबर (छुट्टी लें) + 27-28 दिसंबर (वीकेंड)
    क्रिसमस लॉन्ग वीकेंड

कैसे कर सकते हैं चुटियों का भरपुर इस्तमाल?

• लेखक: अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो इस सप्ताहांत में आप कहीं घूम सकते हैं। इसके लिए आपको पहले ही इसकी प्लानिंग करनी होगी।

• कार्यात्मक कार्यकलाप: ऐप अपना काम जैसे कि चेक क्लियरिंग, नकद जमा, ऋण प्रसंस्करण जैसा काम छूट शुरू होने से पहले जी निपट ले।

• डिजिटल डिजिटल का उपयोग: नेटवर्क में UPI, नेट नेटवर्क और मोबाइल ऐप्स चालू रहते हैं।

• वर्कशॉप-जीवनरेखा: चुट्टियों को सर आराम के लिए ही नहीं बल्कि आपको अपनी आंतरिक शांति के लिए भी उपयोग करना चाहिए। इसके लिए आप कहीं घूमने जा सकते हैं, क्या आप फिर से अपनी चुटियों में अपने शुद्ध परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं।

छुट्टियों में ऐसी कौन सी चीज है, जो असर पर है?

  • बैंक ब्रांच बंद होने से फिजिकल ट्रांजैक्शन नहीं हो पाते
  • RTGS/NEFT जैसी सेवाएं डिले हो सकती हैं
  • चेक क्लियरिंग अगले वर्किंग डे पर होती है
  • कैश डिपॉजिट और डिमांड ड्राफ्ट जैसी सेवाएं बंद रहती हैं

लेकिन अच्छी खबर यह है कि डिजिटल बैंकिंग सेवाएं जैसे UPI, ATM, मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग चालू रहती हैं।

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