Pavitra Rishta की एक्ट्रेस Priya Marathe की हुई मौत जाने क्या थी वजह

EDITED BY: Sanjeet

UPDATED: Tuesday, September 2, 2025

Priya Marathe

लोकप्रिय टीवी सीरियल अभिनेत्री Priya Marathe का निधन उनका निवास मीरा रोड, मुंबई में 31 अगस्त, 2025 को शाम 4 बजे को हुआ। मृत्यु के समय प्रिया 38 साल की थी। बता दें कि पिछले 2 साल से प्रिया पैंक्रिएटिक कैंसर से जूझ रही थी। ये टीवी इंडस्ट्री के लिए एक बहुत ही दुखद खबर हुई है। क्या खबर से उनके प्रशंसकों में काफी दिलचस्पी है।

Priya Marathe का टेलीविजन सफर

Priya Marathe उन एक्ट्रेस में से थीं जिन्हें अपने फैन्स के दिलो में जगह बनाई थी। उनका नाम एक सफल अभिनेत्री के रूप में लिया जाता था।

Priya Marathe ने अपना करियर मराठी टीवी सीरियल “या सुखानो या” से साल 2005 में किया था। उनको ना केवल मराठी बाल्की हिंदी टीवी धारावाहिकों में भी काम किया है और अपने प्रशंसकों की दिलो में जगह बनाई है। मशहूर टीवी सीरियल पवित्र रिश्ता  में उनका किरदार वर्षा, जो अंकिता लोखंडे की ऑनस्क्रीन बहन थी, दर्शकों के दिलों में बस गया था। इसके अलावा उन्होंने साथ निभाना साथिया, उतरन, कसम से, चार दिवस सासुचे, स्वराज्यरक्षक संभाजी जैसे कई शोज़ में काम किया।

उनके अभिनय में एक सच्चाई थी, एक गहराई थी वो अपने रोल को बहुत ही सीरीज में रखती थी और उसे पूरी ईमानदारी से निभाती थी, यही वजह थी कि उनके चाहने वालों की कमी थी और उनका अनेको प्रशंसक है।

प्रिया का कैंसर से जंग: एक संघर्ष

प्रिया मराठे की मौत ने न केवल मराठी बाल्की हिंदी दर्शकों का भी दिल को आहट दिया है। रिपोर्टर्स की माने तो बीते कुछ सालों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ रही थी। सुरुआती कुछ दिनों में उन्हें इसका दत्त कर सामना किया और इलाज भी करवाया। उसके बाद वह एक आम जीवन जीने लगी थी, जिसे मैंने अपना काम पहले जारी रखा और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा भी जारी रखी।

दुर्भाग्यवश, उनका कैंसर पूरी तरह ठीक नहीं हुआ था और वो लौट कारा आ गया। इस बार प्रिया का शरीर पहले की तरह मजबूत नहीं था। उनका जो इलाज चल रहा था उसकी वजह से वो बहुत कमजोर हो गई थी। इस बार जब उनकी बीमारी लौट का आई तब उन्हें अपना इलाज भी करवा दिया गया, लेकिन उनकी तबीयत खराब रही और 31 अगस्त, 2025 को शाम 4 बजे तक उन्हें छुट्टी मिल गई।

टेलीविजन इंडस्ट्री और उनके प्रशंसकों में फेला मातम का माहौल:

प्रिया की मौत की खबर सुन कर टेलीविजन इंडस्ट्री में मातम का माहौल है। उनके सह-कलाकार, निर्देशक और प्रशंसक सभी स्थिर हैं। सोशल मीडिया पर उनके अनेको फैंस उनको श्रद्धांजलि पोस्ट कर रहे हैं। हर कोई उनके अभिनय, व्यक्तित्व और उनके संघर्ष को याद कर रहा है।

उनके चचेरे भाई और अभिनेता सुबोध भावे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, “एक बेहतरीन अभिनेत्री, लेकिन मेरे लिए वो सिर्फ सह-कलाकार नहीं थी, वो मेरी बहन थी। उनके काम के प्रति समर्पण और मेहनत हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।”

व्यक्तिगत जीवन: प्यार और मित्रता

प्रिया ने साल 2012 में शांतनु मोघे के बेटे श्रीकांत मोघे से सादी की थी। डोनो कपल में बहुत प्यार और अंडरस्टैंडिंग थी। उन्होंने अपनी बहुत सी तस्वीरों को इंटरनेट पर शेयर भी किया था क्योंकि उनके प्रशंसकों के द्वार बहुत ज्यादा थे। ये रिश्ता जीवन का बहुत महत्वपूर्ण रिश्ता था, जिस से उन दोनों को बहुत समर्थन मिला।

सोशल मीडिया पर अंतिम विज़िट

प्रिया मराठे अपने सोशल मीडिया चैनलों पर भी बहुत एक्टिव थीं। उनके इंस्टाग्राम पर 639K के फॉलोअर्स हैं। उन्हें अपनी आखिरी पोस्ट 11 अगस्त, 2024 को पोस्ट करनी थी, जिसमें वह जयपुर के आमेर किले में घूमती हुई नजर आ रही थी। ये फोटो उनके फैंस के लिए अब बस एक याद बन कर रह गई है।

विरासत: अभिनय से आगे

प्रिया मराठे के मौत के बाद टेलीविजन इंडस्ट्री को उनकी कमी बताई गई, कोई पूरी कर पाए लेकिन उनकी विरासत उनके काम के रूप में जिंदा है। उन्हें आज तक जो भी किरदार निभाए, वो डर्सको के दिलो पर एक छाप चोर गई है जिसे वो हमेशा याद रखेंगे।

उनका जीवन हमें ये सिखाता है कि चाहे कितनी भी मुश्किल हो जीवन में, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। प्रिया ने कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारी से लड़ते-लड़ते अपनी जान दे दी पर मुस्कुराना नहीं छोड़ा। अपने काम से लाखो दिलो पर राज़ किया और हमें प्रोत्साहित किया और अपने संघर्ष से एक मिसाल कायम की है।

श्रद्धांजलि

प्रिया मराठे को विनम्र श्रद्धांजलि, आपके जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है। आप हमेशा हमें एक मिट्ठी याद के रूम में याद रखेंगे।

आपका एक खालीपन छूट गया है, लेकिन आपकी याद हमें हमेशा प्रेरित करती है।

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Amitabh Bachchan – एक जीवन, काई किस्से: द लाइफ बिहाइंड द लेजेंड

EDITED BY: Sanjeet

UPDATED: Tuesday, October 14, 2025

Amitabh Bachchan

जब भी कोई भारतीय सिनेमा का नाम लेगा तो उसके जहां में Amitabh Bachchan का नाम खुद पर खुद आना सामान्य है। उनके चाहने वालों ने उन्हें प्यार की इल्वा कुछ नाम भी दिया है जैसे सहांशा, एंग्री यंग मैन, बिग बी। लेकिन क्या कोई जनता है कि टाइटल के पीछे उनका क्या स्ट्रगल छिपा हुआ है, अपने जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं। आइये जानते हैं उनके जीवन के बारे में कुछ और बातें।

प्रारंभिक जीवन और परिवार

Amitabh Bachchan मूल रूप से इलाहबाद (प्रयागराज) के निवासी हैं। जिनका जन्म 11 अक्टूबर, 1942 को हुआ था। उनके पिता हरिवंश राय बच्चन एक लोकप्रिय हिंदी कवि थे और माता तेजी राय बच्चन एक समाज सेविका थीं। इनका सुरुआती सरनेम श्रीवास्तव हुआ करता था पर हरिवशराय बच्चन ने इसे बदल कर बच्चन रख लिया था।

Amitabh Bachchan को बचपन से ही साहित्य और कला का माहोल मिला जिस ने उनके अंदर एक गहरी छाप छोरी है।

संघर्ष के दौरान:

Amitabh Bachchan के लिए सिनेमा जगत में घुसना इतना आसान भी नहीं था। उनकी एक अलग पर्सनैलिटी थी जिसमें लंबी ऊंचाई, गहरी और बोल्ड आवाज थी और इसी वजह से उन्हें बहुत सारा ऑडिशन से रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था, यहां तक ​​कि ऑल इंडिया रेडियो (AIR) ने भी उनकी आवाज के कारण से उन्हें रिजेक्ट कर दिया था।

वर्ष 1969 में उनको पहली बार अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका “सात हिंदुस्तानी” से मिला पर सुरुआती किस्मत अच्छी नहीं रही और उनकी ये फिल्म असफल रही। आने वाले कुछ साल भी कुछ ठीक नहीं रहे और उनकी सारी फिल्मों को नाकामी का सामना करना पड़ेगा।

एंग्री यंग मैन का उदय:

सालो की नाकामी के बाद साल 1973 में Amitabh Bachchan की एक और फिल्म आई जिसका नाम “जंजीर” था, और इस फिल्म ने सब कुछ बदल कर रख दिया। Amitabh Bachchan की ये फिल्म सुपरहिट हुई। इशी फिल्म ने इन्हें “एंग्री यंग मैन” का टाइटल दिया। जिस समय भारतीय युवाओं में भ्रष्टाचार और अन्याय से जूझ रहा था उसी समय युवाओं की आवाज में Amitabh Bachchan की फिल्म बन गई।

इस सिनेमा के बाद जैसे Amitabh Bachchan के दिन ही बदल गए। उन्हें एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी। इनमें से कुछ फिल्में ऐसी हैं जिनके कुछ डायलॉग्स आज भी लोगो के दिलों में बसे हुए हैं।

  • दीवार (1975) – “आज मेरे पास गाड़ी है, बंगला है, दौलत है…”
  • शोले (1975) – जय का शांत लेकिन गहरा किरदार।
  • अमर अकबर एंथनी (1977) – कॉमिक टाइमिंग का शानदार उदाहरण।
  • डॉन (1978) – “डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।”

मौत से जंग – कूली हादसा

1982 में रिलीज हुई “कुली” फिल्म को सब ने बहुत प्यार दिया था। इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान Amitabh Bachchan के साथ एक गंभीर दुर्घटना हुई थी, जिस में उन्हें बहुत चोट आई थी और उनकी हालत बहुत खराब हो गई थी। मंदिर, मस्जिद हर क्षेत्र के लोग अपना धर्म भूल कर उनकी सलामती की खातिर ऊपर वाले से दुआ मांग रहे थे। कुछ दिनों के चले इलाज के बाद जब वो स्वस्थ हो कर आए तो उनके प्रशंसकों में खुशी के लहर दौर परी, क्योंकि ये सिर्फ उनकी नहीं बल्कि पूरे देश की जीत थी।

असफलता और पुनर्जन्म

पर वो कहा जाता है ना कि कुछ भी हमेशा के लिए नहीं होता है। 1973 – 1978 तक एक के बाद एक सुपरहिट देने के बाद कुछ दिन इनके जीवन में ऐसे भी आये जब इन्हें पतन का भी सामना करना पड़ा। एक के बाद एक उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही थीं, यहां तक ​​कि उनकी कंपनी। ABCL (Amitabh Bachchan कॉर्पोरेशन लिमिटेड) भी डूब गई और वह वित्तीय संकट में आ गई। हेटर्स ने कहा कि अब उनका दौर ख़तम हो गया है।

लेकिन साल 2000 में Amitabh Bachchan ने एक और शो शुरू किया जिसका नाम रखा “कौन बनेगा करोड़पति (KBC)”। उनकी एकजुटता, सादगी और ज्ञान ने उन्हें हर घर का सदस्य बनाया और उन्हें एक नई पहचान दी।

उम्र को मात देने वाला कलाकार

60, 70 और अब 80 की उम्र में भी वे लगातार शानदार भूमिकाएं निभा रहे हैं:

  • मोहब्बतें (2000) – सख्त लेकिन भावुक नारायण शंकर।
  • ब्लैक (2005) – एक शिक्षक की अविस्मरणीय भूमिका।
  • पा (2009) – प्रोजेरिया से पीड़ित बच्चे का किरदार।
  • पिंक (2016) – “नो मीन्स नो” संवाद ने समाज को झकझोरा।

गुलाबो सिताबो (2020) – प्रयोगधर्मी और अनोखा अभिनय।

पर्दे के पीछे का इंसान

Amitabh Bachchan सिर्फ़ अभिनेता ही नहीं हैं। वे एक महान हस्ती और प्रेरणास्रोत हैं। उनकी अनुशासनप्रियता, समय की पाबंदी और विनम्रता आज भी प्रेरणा देती है।

वो आज भी हर दिन ब्लॉग लिखते हैं और अपने सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। इतना सब कुछ करने के बाद भी वो अपने प्रशंसकों को नहीं भूलते हैं, उनके प्रशंसकों से ये लगाव ही उन्हें एक सुपरस्टार से अलग बनाता है।

पुरस्कार और सम्मान

  • पद्मश्री (1984)
  • पद्मभूषण (2001)
  • पद्मविभूषण (2015)
  • दादासाहेब फाल्के पुरस्कार (2018)

इसके अलावा उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान मिला है, जैसे फ्रांस का लीजन ऑफ ऑनर।

वैश्विक पहचान:

Amitabh Bachchan भारतीय सिनेमा से बिल्कुल अलग हैं लेकिन उनकी लोकप्रियता हमें सिर्फ भारतीय में ही देखने को मिलेगी क्योंकि उनकी लोकप्रियता रूस, मिस्र, लंदन, सिडनी जैसे देशों में भी देखने को मिलती है।

क्यों हैं वे खास?

Amitabh Bachchan को उनका संघर्ष और भी खास बना देता है। बार-बार फेल होने के कारण उनका दोबारा उठ कर खरा होना ही उन्हें एक रियल हीरो बनाता है।

वे भारतीय आत्मा का प्रतीक हैं – गिरकर भी उठना, हारकर भी जीतना।

निष्कर्ष:

Amitabh Bachchan का जीवन सिर्फ एक अभिनेता की कहानी नहीं है, बल्कि भारत की कहानी है – संघर्ष, सपनों और पुनर्जन्म की।

सात हिंदुस्तानी से लेकर शोले, दिवालियापन से लेकर KBC, मौत से जंग से लेकर वैश्विक स्टारडम तक – उनका सफर बताता है कि लीजेंड पैदा नहीं होते, वे बनाए जाते हैं।

Frequently Asked Questions:

1. Amitabh Bachchan का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

Amitabh Bachchan का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था।

2. Amitabh Bachchan के माता-पिता कौन थे?

उनके पिता हरिवंश राय बच्चन प्रसिद्ध हिंदी कवि थे और माता तेजी बच्चन एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं।

3. Amitabh Bachchan को “एंग्री यंग मैन” क्यों कहा जाता है?

1973 की फिल्म ज़ंजीर से उन्होंने एक ऐसे नायक का किरदार निभाया जो भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ खड़ा होता है। इस छवि ने उन्हें एंग्री यंग मैन की उपाधि दिलाई।

4. कौन-सी फिल्म के दौरान Amitabh Bachchan को गंभीर चोट लगी थी?

1982 में फिल्म कूली की शूटिंग के दौरान उन्हें गंभीर चोट लगी थी। उस समय पूरा देश उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा था।

5. Amitabh Bachchan ने टीवी पर कब वापसी की?

2000 में उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति (KBC) से टीवी पर कदम रखा। इस शो ने उन्हें हर घर का सदस्य बना दिया और उनके करियर को नया जीवन दिया।

6. Amitabh Bachchan को कौन-कौन से प्रमुख पुरस्कार मिले हैं?

पद्मश्री (1984)
पद्मभूषण (2001)
पद्मविभूषण (2015)
दादासाहेब फाल्के पुरस्कार (2018)

7. Amitabh Bachchan की सबसे यादगार फिल्में कौन-सी हैं?

दीवार, शोले, डॉन, अमर अकबर एंथनी, ब्लैक, पा, पिंक और गुलाबो सिताबो उनकी यादगार फिल्मों में शामिल हैं।

8. क्या Amitabh Bachchan आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं?

हाँ, 80 वर्ष की उम्र पार करने के बाद भी वे फिल्मों और विज्ञापनों में सक्रिय हैं और लगातार नए प्रयोग करते रहते है।

9. Amitabh Bachchan को “बिग बी” क्यों कहा जाता है?

उनके नाम के शुरुआती अक्षर B (Bachchan) से उन्हें प्यार से Big B कहा जाने लगा। यह उपनाम अब उनकी पहचान बन चुका है।

10. Amitabh Bachchan का जीवन हमें क्या सिखाता है?

उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि संघर्ष, असफलता और कठिनाइयाँ सफलता की राह का हिस्सा हैं। गिरकर भी उठना और हर बार खुद को नया रूप देना ही असली जीत है।

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